20.06.2021,Hamari Choupal
सोलन। डॉ. वाईएस परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय ने किसानों में सेब के स्कैब रोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस विषय पर एक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया। वेबिनार में विश्वविद्यालय के प्लांट पैथोलॉजी विभाग के वैज्ञानिकों और विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशनों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और कॉलेजों के प्लांट पैथोलॉजिस्ट ने भाग लिया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मशोबरा के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. पंकज गुप्ता ने स्कैब रोग पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। इस रोग का इतिहास बताते हुए, उन्होंने दुनिया भर में इस रोग के फैलने के बारे में बताया। डॉ. गुप्ता ने अपनी प्रस्तुति में रोग के बारे में किसानों को सही जानकारी और अनुकूल मौसम की स्थिति और तापमान के कारण इसके फैलने के बारे में बताया।
डॉ. गुप्ता सहित अन्य स्टेशनों के वैज्ञानिकों ने उदाहरण के साथ बताया कि कैसे किसान अनुशंसित स्प्रे शेड्यूल का पालन करके अपने बगीचे में स्कैब को नियंत्रित करने में सक्षम रहे हैं। इस रोग को नियंत्रित करने के लिए बागवानों को विश्वविद्यालय और बागवानी विभाग द्वारा अनुशंसित वैज्ञानिक प्रथाओं का पालन करने की सलाह दी। फल विकास के विभिन्न चरणों के दौरान स्कैब को नियंत्रित करने की विधियों के बारे में राज्य भर के प्रगतिशील किसानों के प्रश्नों को इस मौके पर भी संबोधित किया गया।
इस अवसर पर विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय कोरोना संक्रमण के कारण वर्तमान में ऑनलाइन माध्यमों से विश्वविद्यालय की प्रौद्योगिकियों और विभिन्न फसलों के लिए सिफारिशों के बारे में सक्रिय रूप से जानकारी फैला रहा है। स्कैब के मुद्दे पर बोलते हुए, उन्होंने किसानों से अन्य किसानों के बीच विश्वविद्यालय द्वारा अनुशंसित स्प्रे शेड्यूल का पालन करने के सकारात्मक परिणामों का प्रसार करने का आग्रह किया ताकि सही जानकारी सभी तक पहुंच सके और वह लाभान्वित हो सके।
किसानों को विश्वविद्यालय के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में भी बताया गया, जहां विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विंग द्वारा विभिन्न विषयों पर बनाए गए तकनीकी वीडियो नियमित रूप से अपलोड किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनिका तोमर द्वारा किया गया। डॉ भूपिंदर ठाकुर, एसोसिएट डायरेक्टर बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बजौरा, डॉ जितेंद्र चौहान, प्रभारी केवीके सोलन, डॉ एन एस कैथ, प्रभारी केवीके शिमला, डॉ राजीव रैना, प्रभारी केवीके चंबा, डॉ आरती शुक्ला, और औद्यानिकी एवं वानिकी कॉलेज थुनाग से डॉ अदिति भारद्वाज और डॉ किशोर शर्मा ने इस कार्यक्रम में वर्चुयल माध्यम से भाग लिया। संयुक्त निदेशक संचार डॉ अनिल सूद, संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण डॉ सीएल ठाकुर, डॉ पीके बवेजा, डॉ अशोक ठाकुर, प्रभारी केवीके किन्नौर, डॉ सुधीर वर्मा, प्रभारी केवीके स्पीति-2 और डॉ शालिनी वर्मा ऑफ़लाइन मोड में कार्यक्रम में शामिल हुए।