रुडक़ी,19.06.2021,Hamari Choupal
लंढौरा में मंगलौर मार्ग पर एक प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के दौरान शिशु की मौत होने पर परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। बाद में अस्पताल संचालक ने समझा-बुझाकर मामला शांत किया। टोडा खटका निवासी मोनू का कहना है कि गुरुवार रात को उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस पर लंढौरा निवासी रिश्तेदार के कहने पर महिला को मंगलौर मार्ग पर एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। बताया गया कि देररात में प्रसव के दौरान शिशु की मौत हो गयी। इसे नाराज परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। उनका आरोप था कि अस्पताल कर्मियों की लापरवाही से शिशु की मौत हुई। बाद में अस्पताल के संचालक ने किसी तरह लोगों को शांत कराया। इसी गांव निवासी इमरान का कहना है कि दस दिन पहले इसी अस्पताल में उसकी पत्नी के प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई थी। उधर, गाधारोणा निवासी शौकीन का कहना है कि उसकी गर्भवती पत्नी की जांच में सब कुछ सही आया था। एक माह पहले इसी अस्पताल में प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई थी। लोगों का कहना है कि लंढौरा में 15 से अधिक ऐसे अस्पताल चल रहे हैं।
जिनका संचालन झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं। लोगों का कहना है रोजाना इन अस्पतालों में एक दो शिशु या महिलाओं की मौत होती रहती है। अस्पताल संचालक परिजनों को मौत के कारण उल्टे सीधे बता कर परिजनों को शांत कर देते हैं। लोगों का कहना है कि करोना काल में कुछ लोग को डर रहता है कि अच्छे अस्पताल में जाने से कोविड जांच की जाएगी। लोगों का कहना है ज्यादर लोग इसी डर से झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में पड़ जाते है। एसीएमओ डॉ. अजय कुमार का कहना है कि लंढौरा में अवैध तरीके से अस्पतालों का संचालन करने की शिकायत उन्हें लगातार मिल रही है। एसीएमओ का कहना है कि ऐसे सभी अस्पतालों को चिन्हित करने का कार्य चल रहा है। इसके बाद बड़े पैमाने पर छापामार अभियान चला कर कार्रवाई की जाएगी।